कल विजयादशमी के दिन तिजोरी में रख दें बस ये चीज कभी नहीं होती है धन की कमी
दशहरा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है इसीलिये इस दशमी को ‘विजयादशमी’ के नाम से जाना जाता है।
हमारे यहां हिंदु धर्म में मां दुर्गा के उपासक कई लोग हैं, वहीं व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो इसीलिए विजयदशमी यानि दशहरा का त्योहार हिंदुओं में मनाया जाता है। वहीं बता दें कि ये त्योहार अश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है जो इस बार 30 सितम्बर को मनाया जाता रहा है।
दशहरा पर्व वर्ष की तीन अत्यन्त शुभ तिथियों में से एक है, अन्य दो हैं चैत्र शुक्ल की एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा। इसी दिन लोग नया कार्य प्रारम्भ करते हैं, शस्त्र-पूजा की जाती है। प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे।
शास्त्रों के अनुसार आज तक क्षत्रिय-क्षत्रपों के यहां शक्ति के पूजन के रूप में अस्त्र-शस्त्रों का अर्चन-पूजन होता है। इस दिन शुरू किया गया कोई भी कार्य निश्चित ही सिद्धि को प्रदान करने वाला है।
पूरे साल में विजया दशमी का दिन काफी श्रेयस्कर होता है माना जाता है कि छोटा ही सही लेकिन इस दिन यात्रा अवश्य करें। कहा जाता है कि इस दिन शमी पेड़ का पूजा करके उसके पत्ते को तिजोरी में रखने से कभी धन की कमी नहीं होती।
विजया दशमी घट स्थापना वाला कलश कुछ समय के लिए सिर पर रखने से माता का आर्शीवाद प्राप्त होता है। इस दिन वैभव, संपन्नता और सौभाग्य प्राप्ति के लिए साफ सुथरे कपड़े को पानी में भिगोकर मां के चरण को अच्छे से पोछें फिर उस वस्त्र को अपने घर अथवा दुकान की तिजोरी में रखें।
अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में कभी भी धन का अभाव न रहे तो दस वर्ष से छोटी उम्र की कन्या को उसकी प्रिय वस्तु भेंट करें वहीं उसके हाथ से कुछ पैसे अथवा रूपए घर अथवा दुकान की तिजोरी में रखवाएं।